सोरायसिस (Psoriasis) एक ऐसा जटिल चर्म रोग है, जोकि, अधिकतर मामलों में पूरे शरीर को प्रभावित करता है;
कुछ मामलों में यह सीमित रहता है जैसे (scalp psoriasis) जो कि सिर पर होती है। इसमें अधिकतर प्रभावित होने वाले शरीर के हिस्से हैं : घुटना, कोहनी, कमर का निचला हिस्सा, जननेन्द्रिय, हाथ व पांव के तलवे, नाखून, और चेहरा।

इस बीमारी के लक्षण क्या हैं ?
- शरीर पर लाल चकत्ते जो मोटी और चमकदार पपड़ी से ढके हों,
- शरीर से त्वचा की पपड़ियां सूखकर झड़ते रहना
- खुजली कि अधिकता; खुजाने पर घाव बनकर खून निकालना,
- जलन का अनुभव,
- चमड़ी का फटना/ सूखना
- जोड़ों में सूजन के साथ जकड़न; इसके प्रमुख लक्षणों में है।
क्या इसका उपचार संभव है?
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इसे autoimmune disease बताया गया है। आयुर्वेद में इस तरह के त्वचा विकारों में सिद्धम् कुष्ठ, किटिभ, एकक कुष्ठ जैसी बीमारियों के बारे में बताया गया है, और इसी के साथ पंचकर्म चिकित्सा का महत्व भी बताया गया है। इसी पंचकर्म चिकित्सा से आज सोरायसिस जैसी बीमारी पर काबू पाना संभव हो सका है।
मेरा इलाज किस तरह से होगा ?
सबसे पहले, आयुर्वेद चिकित्सक के द्वारा आप की बीमारी का सही मूल्यांकन किया जाएगा
उसके बाद, जरूरत अनुसार आयुर्वेदिक औषधियों के साथ-साथ पंचकर्म चिकित्सा करवाई जाएगी और
बीमारी के साथ जुड़े परहेज (पथ्य पालन) आपको बताया जाएंगे, जिनका पालन करना आपके लिए हितकर हो।
यह पंचकर्म चिकित्सा क्या है? और क्यूँ जरूरी है ?
पंचकर्म, आयुर्वेद की एक बहुत ही कारगर चिकित्सा विधि है, जिससे शरीर का शोधन किया जाता है।
सोरायसिस जैसी और भी जटिल व गंभीर बीमारियों में, शरीर शोधन से बहुत लाभ मिलता है। क्योंकि यह शरीर में स्थित विषाक्त तत्वों को बाहर निकाल, पुनः स्वास्थ्य प्राप्ति में सहायक है।
मेरे इलाज़ में कितना समय लग सकता है?
यह बीमारी, साधारण बीमारी ने होकर, जटिल बीमारियों की श्रेणी में आती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह ठीक होने में समय लेती। फिर भी जब आप इसका इलाज शुरू करें; तो मानकर चलें कि यह 6 महीने या अधिक समय ले सकता है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर, इसके बाद भी आपको परहेज और थोड़ी बहुत दवा भी जारी रखनी पड़ सकती है।
क्या मेरे परिवार को मुझसे दूर रहना चाहिए ?
सोरायसिस की यह बीमारी छूने से नहीं फैलती है। यह कोई संक्रामक रोग नहीं; बल्कि शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली में आई विकृति है (Not an infectious disease but immune-mediated disease).
क्या इसका शरीर के दूसरे अंगों पर, कोई नकारात्मक प्रभाव हो सकता है ?
जी हां। इसका बचाव भी आपके हाथ में है।
अगर आप सोरायसिस से जूझ रहे हैं, तो सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने तनाव को दूर करने के उपाय करें।
इसके लिए आप निम्न सकारात्मक उपाय, अपने लिए कर सकते हैं :-
- योग, प्राणायाम, और ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनावें,
- अपने परिवार और मित्रजनों से खुलकर चर्चा करें,
दूसरा कदम जो आपके लिए जरूरी है, वह कि, आप अपने चिकित्सक से
अपने जोड़ों की जांच करवाएं, जिससे कि psoriatic arthritis जैसी समस्या से समय रहते बचाव संभव हो सके; साथ ही,
रक्तचाप नियंत्रण, संतुलित वजन, रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल का सही स्तर बनाए रखना भी आवश्यक है।
क्या एक बार ठीक होने पर यह बीमारी फिर से लौट सकती है ?
गलत खान पान, दिनचर्या, और पथ्य पालन नहीं करने वालों मेँ; ऐसा अक्सर देखने मेँ आता है। अगर आप किसी भी तरह का नशा करते हैं तो उसे सदा के लिए त्याग देना ही आपके लिए उचित होगा।